करीब 14 साल पहले अमेरिका में रहने वाला एक प्रोग्रामर था। उसका नाम लास्जलो हैन्येच था। ये आदमी कंप्यूटर का काम करता था और बिटकॉइन में बहुत दिलचस्पी रखता था।उस वक्त बिटकॉइन नया नया आया था और लोग इसे सिर्फ ऑनलाइन चीज मानते थे।
एक दिन लास्जलो को भूख लगी और उसे पिज्जा खाने का मन हुआ। उसने इंटरनेट पर एक फोरम में पोस्ट किया कि अगर कोई मुझे दो पिज्जा दिलवा देगा, तो मैं उसे 10000 बिटकॉइन दूंगा। उस समय 10000 बिटकॉइन की कीमत सिर्फ लगभग 3000 रुपए थी। एक लड़के ने इंग्लैंड से पापा जॉन्स का पिज्जा ऑर्डर करवा दिया।
लास्जलो ने खुशी खुशी दो पिज्जा खा लिए और 10000 बिटकॉइन दे दिये।
आज के रेट से अगर देखो, तो वही 10000 बिटकॉइन की कीमत है 1000 करोड़ रुपए से भी ज्यादा है। हाँ, आपने सही पढ़ा। एक पिज्जा के बदले 1000 करोड़। इसलिए इसे दुनिया का सबसे महंगा पिज्जा कहा जाता है।
ये कहानी 22 मई 2010 की है। और हर साल इसी दिन को लोग बिटकॉइन पिज्जा डे के तौर पर मनाते हैं।
क्योंकि ये पहला मौका था जब किसी ने बिटकॉइन से असली दुनिया में कुछ खरीदा था। इससे लोगों को ये समझ आया कि बिटकॉइन का इस्तेमाल भी हो सकता है।
आप सोच रहे होंगे कि लास्जलो को आज बहुत पछतावा होगा। लेकिन नहीं। उसने खुद कहा है कि उसे कोई अफसोस नहीं है। वो कहता है कि अगर उसने ये ट्रांजैक्शन नहीं किया होता, तो शायद आज बिटकॉइन इतना बड़ा नाम नहीं होता। वो इस बात से काफी खुश है कि उसने क्रिप्टो की शुरुआत में एक बड़ा रोल निभाया।